Thursday, August 15, 2013

उसका एकांत
बहुत सघन था
रचते हैं
भूत, वर्तमान और भविष्य के
विचित्र चरित्र
कथाँए
उसके एकांत में
बहुत रंगीन था उसका एकांत
बिचारी...........
किसी ने ख़लल डाला
अब….
बहुत भयभीत है
उसका एकांत.


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